India Full Form क्या होता है? – What is Full Form of India?
क्या आपको India Full Form के बारे में जानकारी है? अगर आप भारतीय है, तो यह अवश्य जानते होगें, कि भारत को प्राचिन काल से विभिन्न नामो से जाना जाता था। भारत को अग्रेजी में INDIA कहा जाता है। लेकिन आपको मालूम है कि भारत का पुल फॉर्म क्या होता है? अर्थात India का Full Form क्या है? अगर कोई आपसे इस सम्बंध में पूछ ले, तो आप उसे क्या जवाब देगें। इसलिए मुझे लगता है कि आपको इसके बारे में जानना चाहिए। देखा जाए तो, असल में India का कोई भी Full Form नही है। पुरातन काल में भारत (India) को “आर्यावर्त” के अलावा अन्य कई नामो से भी जाना जाता था। जैसे भारत, हिन्दूस्तान, भारतवर्ष आदि।
अधिकतर लोगो को India Full Form के सम्बंध में कोई जानकारी नही है, इसलिए मैने सोचा कि क्यो ना इस सम्बंध में लोगो का ज्ञानवर्धन किया जाऐ। अत: मैं इंडिया का फुल फॉर्म (India Full Form in Hindi) पोस्ट के तहत आज इस सम्बंध में जानकारी प्रदान कर रहा हूँ। प्रिय दोस्तो, इतिहास का गहराई से अध्ययन करे, तो पता चलता है कि हमारे देश को सिंधू सभ्यता का देश माना जाता है। जो सिंधू नदी के किनारे पर विकसित हुई थी। सिंधू सभ्यता का दूसरा नाम Indus वैली भी था। इसी Indus नाम से India शब्द की उत्पत्ति हुई है। India शब्द की मूलत: उत्पत्ति सिंधु शब्द से हुई है। जिसका मतलब Indus होता है। आधाकारिक रूप से देखा जाए, तो भारत के दो नाम है, India और भारतवर्ष।
इंडिया का फुल फॉर्म(India full form) क्या है?
अगर आधिकारिक तौर पर देखा जाए, तो इंडिया (India) एक नाम है, अत: India Full Form का कोई आधिकारिक आधार नही है। लेकिन देश के कई विद्वानो ने अपनी बुद्धिमता के हिसाब से India Full Form निकाली हुई है। जिनमें से दो Full Form मुख्यतौर पर प्रसिद्ध है। जो काफी प्रचलित भी है और हमारे देश पर सटीक भी बैठती है।
क्या संविधान में India Full Form वर्णित है?
इंडिया का पूरा नाम आधिकारिक तौर पर भारत गणराज्य (The Republic of India) है। लेकिन संविधान में कही भी Full Form of India नही दिया हुआ है। प्राचिन इतिहास को देखा जाए, तो विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओ में सिंधूघाटी सभ्यता का नाम सबसे पहले आता है। सिंधू नही के दूसरी तरफ बसे लोगो को भारत आने वाले यूनानियो ने इंडोई शब्द से परिभाषित किया था। जो कालान्तर में इंडोई से रूपान्तरित होता हुआ India बन गया। वैसे देखा जाए तो भारत का India नाम Indus से लिया गया है। जो कि एक संस्कृत शब्द सिंधू का अग्रेजी अर्थ है। सिंधू शब्द से ही सिंधू नदी का नाम रखा गया था। जिसको विदेशी व्यापारी सिंधू वैली अर्थात Indus Valley के नाम से बुलाते थे। जो कालान्तर में Indus नाम ही आगे जाकर India बन गया।
इंडिया का फुल फॉर्म हिंदी में – India Full Form in Hindi
India Full Form के बारे में बताने से पहले आपको बता दे कि भारत एक दक्षिणी ऐशियाई देश है, जो विश्व में क्षेत्रफल के आधार पर सातवाँ और जनसंख्या के आधार पर दूसरा सबसे बड़ा देश है। यह विश्व में सबसे लोकप्रिय लौकतान्त्रिक देशो में से एक है। आंकडो के हिसाब से देखा जाए तो भारत विश्व का सबसे अधिक जनंसख्या वाला लौकतान्त्रिक देश है। भारत दक्षिण में हिन्द महासागर, दक्षिण पश्चिम में अरब सागर व दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाडी से घिरा है।
India एक Acronym नही है। अत: इंडिया का फुल फॉर्म (India Full Form) कोई नही है। लेकिन देश के कई विद्वानो ने अपनी बुद्धिमता के हिसाब से इंडिया की कई फुल फार्म निकाली हुई है। जिनमें से दो Full Form मुख्यतौर पर प्रसिद्ध है। जो काफी प्रचलित भी है और हमारे देश पर सटीक भी बैठती है।
India Full Form हिन्दी में – Full form of India in Hindi (1st Full Form)
I Independent (स्वतन्त्र)
N Nation (देश)
D Declared (घोषित)
I In (में)
A August (अगस्त)
इसके अनुसार INDIA का अग्रेजी मतलब “Independent Nation Declared in August” और हिन्दी में अर्थ “अगस्त महीने में स्वतंत्र घोषित देश” है। यानि कि जिस देश को अगस्त महीने में अंग्रेजो द्वारा घोषित किया गया।
लेकिन कुछ विद्वानो ने India Full Form in Hindi को इस प्रकाऱ परिभाषित किया है –
इंडिया का फुल फॉर्म हिन्दी में – Full form of India in Hindi (2nd Full Form)
I Independent (स्वतंत्र)
N National (राष्ट्रीय)
D Democratic (लौकतांत्रिक)
I Intelligent (बुद्धिमतापूर्ण)
A Area (क्षेत्र)
अर्थात “स्वतंत्र राष्ट्रीय लौकतांत्रिक बुद्धिमतापूर्ण क्षेत्र”। यानि कि राष्ट्रीय लौकतांत्रिक बुद्धिमतापूर्ण क्षेत्र वाला स्वत्रंत देश। लेकिन मैं आपको एक बार फिर बताना चाहता हूँ कि यह India के आधिकारिक तौर पर घोषित नाम नही। यह कुछ विद्वानो नें अपने ज्ञान के आधार पर बनाये हुए है।
आपको Full Form of DNA भी जानना चाहिए।
भारत का नाम हिन्दूस्तान कैसे पडा?
करीब 2000-2500 साल पहले भारत में अरब, युनान व अन्य स्थानो से व्यापारी आया करते थे। उस समय भारत में केवल एक ही धर्म था, स्नातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म भी कहा जाता था। उस समय पूरे देश में स्नातन धर्म को अपनाने वाले लोग ही थे। इसलिए बाहर से आने वाले व्यापारी लोग हमारे देश को हिन्दूस्तान कहने लगे। यह नाम धीरे धीरे अरब व यूनान में प्रचलित होते हुए पूरे विश्व में हिन्दूस्तान के नाम से प्रचलित हो गया और हमारे देश का नाम हिन्दुस्तान पड गया।
जब हम किसी शब्द का कोई अर्थ निकालते है, तो हम उस शब्द का संधि विच्छेद करते है। इस तरह हिन्दूस्तान का संधि विच्छेद “हिन्दू + स्थान= हिन्दूस्तान” हुआ। जिसका मतलब होता है, हिन्दूओ की भूमी या वह स्थान जहाँ हिन्दू रहते है। अर्थात 2000 साल पहले से ही भारत का नाम हिन्दूस्तान था।
हमारे देश का नाम भारत कैसे पडा?
क्या आप जानते है कि हमारे देश का नाम भारत कैसे पडा। इस सम्बंध में दो मत प्रचलित है। एक सनातन धर्म को मानने वालो का मत है कि भारत देश का नाम एक चक्रवृति सम्राट भरत के नाम पर पडा है। जबकि जैन मतावलियो का मानना है कि राजा ऋषभ के पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पडा। इस सम्बंध में दोनो पक्षो एकमत है कि भारत का नाम राजा भरत के नाम पर ही पडा है। हमारे देश का यह नाम ज्यादातर हमारे पडौसी देशो के द्वारा ही बोला जाता है। हमारे देश का आधिकारिक नाम भारत ना होकर भारतवर्ष है।
हमारे देश का नाम इंडिया (India) कैसे पडा?
हम सब जानते है कि बटवारे से पहले हमारे देश में सिंधू नाम की एक नदी बहती थी, जो बटवारे के बाद पाकिस्तान के हिस्से में चली गयी। इसी सिंधू नदी का नाम Indus Valley भी था। कालान्तर में Indus Valley का नाम पर ही हमारे देश का नाम India पडा। हमारे देश का नाम India पडने के पीछे एक कारण यह भी माना जाता है कि अग्रेजो को हमारे देश का नाम हिस्दूस्तान या भारत बोलने में परेशानी होती थी, जो उन्होने भारत को India कहना शुरू कर दिया और आगे चलकर भारत का नाम India पड गया। लेकिन इतिहास की माने तो हमारे देश का India नाम Indus Valley के नाम Indus से पडा, जो कालान्तर में बदलता हुआ India बन गया।
भारत को अन्य किन किन नामो से जाना जाता है?
भारत को समय और कालान्तर के अनुसार विश्व में विभिन्न देशो में निम्नलिखित नामो से जाना जाता रहा है: –
India (इंडिया) – हमारे देश का आधिकारिक तौर पर एक नाम INDIA भी है। भारत को सन् 1947 के बाद India नाम से ज्यादा सम्बोधित किया जाने लगा। यूरोपियन देशो में भारतीयो को Indian कहा जाता है। जब 16वी शताब्दी में भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी व्यापार करने आयी और धीरे धीरे उन्होने भारत की शासन व्यवस्था में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। तो अग्रेजो को हमारे देश का नाम हिन्दूस्तान या भारत बोलने या उचारित करने में काफी परेशानी होती थी। इसलिए अग्रेजो ने भारत को India के रूप में सम्बोधित करना शुरू किया।
अब बात यह आती है कि भारत का नाम India कहा से आया। मानव इतिहास का अध्ययन किया जाए, तो पता चलता है कि विश्व की तमाम सभ्यताए नदीयो के किनारो पर पनपी थी। भारत भी सिंधू सभ्यता का ही हिस्सा था। जो सिंधू नही के किनारे पर बसी हुई थी। “सिंधू” संस्कृत भाषा का शब्द है।
लेकिन युनानी लोगो द्वारा सिंधू को Indus के नाम से बुलाया जाता था और इसके किनारे पर बसी सिंधू सभ्यता को Indus Valley बोला जाता था। जो कालान्तर में Indus शब्द से ही भारत का नाम India पडा। भारत के लिए India नाम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल यूरोपियन देशो ने किया है।
भारतवर्ष या भारतम (Bharatvarash)– भारतवर्ष या भारतम नाम का उल्लेख स्नातन धर्म पुराणो में से एक विष्णु पुराण में मिलता है। ऐसा देश या प्रदेश जो महासागर के उत्तर में तथा बर्फिले पहाडो के दक्षिण में अवस्थित है। उसे संस्कृत में भारतम कहा जाता है। यहाँ भारत का अर्थ राजा भरत से लिया गया है और वर्ष का अर्थ भूमी/प्रान्त/देश से लिया गया है। अर्थात वह देश जहाँ पर राजा भरत का शासन था, वह भारत वर्ष कहलाया।
भारत (Bharat) – हमारे देश का यह नाम भारतवर्ष को संक्षिप्त करके बनाया गया है। अर्थात यह भारतवर्ष का ही संक्षिप्त रूप है। भारत का यह नाम महाराज दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर रखा गया था। भारत शब्द का उल्लेख वायु पुराण, विष्णुपुराण, ब्रह्माण्डपुराणम् , लिगंपुराण, अग्निपुराण, स्कंदपुराण और मार्कण्डपुराण जैसे स्नातन धर्म ग्रंथो में भी है। विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथो में से एक ऋग्वेद में भी भारत का उल्लेख है। यहाँ तक की स्नातन धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथो महाभारत, रामायण व भगवत् गीता में भी इस शब्द का उल्लेख मिलता है। यह नाम भारत का आधिकारिक नाम है। जिसे हमारे देश के नाम भारतवर्ष के तौर पर संविधान में लिखा गया है।
आर्यावर्त और द्रविड (Aryavart or Darvid) – हमारे देश का एक प्रचलित नाम आर्यावर्त या द्रविड भी था जिसका उल्लेख मनुस्मृति में मिलता है। प्राचीनकाल से ही भारत देश मुख्य दो भागो में बाटा जाता रहा है। उत्तर भाग और दक्षिण भाग है। मनुस्मृति में उत्तर भाग को आर्यावर्त के नाम से और दक्षिण भाग को द्रविड के नाम से पुकारा गया है। मनुस्मृति में उल्लेख है कि हिमालय पर्वतमाला और विंन्धयाचल पर्वतमाला के बीच के भाग को आर्यावर्त के नाम से पुकारा गया है। जो पूर्व में बंगाल की खाडी से लेकर पश्चिम में अरब सागर तक फैला हुआ था। ऐसे ही द्रविड में आन्द्रप्रदेश, वर्तमान तेलगांना, कर्नाटका, तमिलनाडू, केरल, छत्तिसगढ का कुछ भू-भाग तथा अण्डमान निकोबार द्वीप, लक्ष्यद्वीप और पूदूचैरी आदि का भू-भाग शामिल था।
जम्बूद्वीप (Jambudavip)– हमारे देश को जम्बूद्वीप के नाम से भी जाना जाता है। इस सम्बंध में दो मान्यताए प्रचलित है। एक मान्यता है कि पहले पूरे विश्व में केवल सात ही प्रमुख द्वीप थे। जिसमे एक द्वीप का नाम जम्बू था। भारत व इसके आस-पास का अफगानिस्तान तक का इलाका जम्बूद्वीप में आता था। क्योकि भारत जम्बू द्वीप के अन्दर पडने वाला मुख्य भाग था इसलिए इसे जम्बूद्वीप कहा जाने लगा।
दूसरी मान्यता है कि जम्बूद्वीप का अर्थ है The land of Jambbu tree अर्थात जम्बू के पेडो की भूमी। यह नाम आपको भारत के प्रमुख धर्मो स्नातन धर्म, बौध धर्म, और जैन धर्म के कई सारे ग्रंथो में मिल जाऐगा। जम्बू शब्द का अर्थ जामून (blackberry) होता है तथा द्वीप शब्द का अर्थ होता है, भूमी का टुकडा (piece of land or continent)। अर्थात जम्बद्वीप का पूरा अर्थ है, भूमी का वह हिस्सा या टुकडा जहाँ पर प्रचुर मात्रा में जम्बू यानि जामून के पेड पाये जाते है।
नभीवर्ष (Nabhivarsh) – भारत का एक प्राचीन नाम नभीवर्ष भी है। जिसका जिक्र आपको भारत के दो प्रमुख प्रचीन धर्मग्रंथो में मिलता है। इस नाम का पहला उल्लेख स्नातन धर्म ग्रंथो में मिलता है। जहाँ Nabhi शब्द का अर्थ भगवान ब्रह्मा की नाभी से लगाया गया है और वर्ष का अर्थ है देश या जगह। अर्थात भारत की तुलना ब्रह्मा भगवान की नाभीप्रदेश से की गयी है।
नाभीवर्ष नाम का दूसरा उल्लेख जैन धर्म ग्रंथो में पाया जाता है। जिसमें नभीवर्ष का अर्थ नबी की भूमी के रूप में हुआ है। इस ग्रंथो के मुताबिक यह नाम राजा अग्निधरा, जो कि स्वयंभू मनु के पौत्र थे। जिन्होने इस भारत वर्ष के भूभाग का राज त्याग दिया था और अपने नो बेटो के सोप दिया था। अग्निधरा के पहले पुत्र का नाम नबी था। नबी के नाम पर ही राजा अग्निधरा ने राज त्याग के समय भारत भूमी का नाम नबीवर्ष कहने का आदेश दिया था।
भारतखण्ड (Bharatkhand) – ऐसा माना जाता है कि जम्बूद्वीप में लगभग 13-15 अलग अलग खण्ड हुआ करते थे। जिनमें भारत भी एक खण्ड हुआ करता था, जो भारत खण्ड के नाम से जाना जाता था।
सोने की चिडिया (Golden Bird) – प्रचिन काल में भारत को सोने की चिडिया के नाम से भी जाना जाता था। इसके पीछे मान्यता है कि भारत प्राचिन काल में काफी सम्पन्न था और यहां पर सब लोग धनी थे। कहावत है कि लोगो के पास इतना धन हुआ करता था कि लोग अपने घर में धन को बिना तिजौरी के ही रखा करते थे। सोने की चिडिया का अर्थ सम्पन्नता से जोडा गया है। जो कालान्तर में काफी सालो में लूटेरे आये और भारत से धन सम्पता लूट ले गये जिनमें प्रमुख नाम यूनानियो, अरबो व अग्रेजो का आता है।
हिन्द (Hind)– भारत को हिन्द देश के नाम से भी जाना जाता है। 516 ईसा पूर्व में पर्सिया के लोगो के द्वारा भारत को इसी नाम से पुकारा जाता था। पर्सिया के राज डेरियस नें सिंधू घाटी या Indus Valley पर जीत हासिल की थी। डेरियस ने यहाँ पर सिंधू नदी के किनारे बसी हुई सभ्यता के इस भू भाग को सिंध बुलाने के आदेश दिये थे। लेकिन पर्सिया के लोग ‘स’ का सही से उच्चारण नही कर पाते थे वे ‘स’ को ‘ह’ कहकर बुलाते थे। जो बाद में सिंध ही हिन्द बन गया। अर्थात भारत का यह नाम सिध को हिन्द बोलने से प्रचलन में आया सिंधू नदी जिस हिस्से में बहती थी उसे सिंध प्रदेश या हिन्द कहा जाने लगा।
हिन्दुस्तान (Hindustan) – भारत को हिन्दुस्तान के नाम से भी जाना जाता है। सबसे पहले हिन्दुस्तान शब्द का इस्तेमाल मध्य पर्सिया के राजा Shapur-I ने पहली शताब्दी में किया था। इसके बाद ग्याहरवी शताब्दी से मुंगल शासको ने भी भारत को हिन्दुस्तान नाम से सम्बोधित करना शुरू किया था। हिन्दुस्तान का मतलब है, Land of Hindus अर्थात हिन्दू लोगो की भूमी या देश, जो कि सिंधू (Indus) नदी के किनारे पर बसे हुए थे।
एक अन्य मान्यता के अनुसार हमारे देश का हिन्दूस्तान नाम भी सिंधू नदी के कारण ही पडा माना जाता है। उनका मानना है कि संस्कृत भाषा में सो को हो कहा जाता था। उसी तरह सिंधू को भी हिन्दू कहा जाने लगा। जो बाद में हिन्दूओ के रहना का स्थान ही हिन्दूस्तान नाम से प्रचलित हुआ बताया जाता है। यूनान या अरब देशो से भारत में व्यापार या लूटपाट करने के लिए जो लोग आते थे, वे सिंधू नदी को हिन्दू नदी कहते थे और भारत को हिन्दूस्तान और उऩ्होने यहाँ के लोगो को हिन्दूस्तानी कहना शुरू कर दिया।
Al-Hind (अल-हिन्द) – भारत को अल हिन्द के नाम से भी सम्बोधित किया जाता था। इस नाम से सबसे पहले 11वी शताब्दी में अरब के राजा बाबर ने सम्बोधित किया था। बाबर जब हमारे देश पर आक्रमण किया था और भारत पर अपना कब्जा कर मुंगल शासन की नीव डाली थी। तब उसने इस देश को Al-Hind और इस देश के इतिहास को Tarikh Al-Hind के नाम से बुलाया था और अपनी प्रजा को भारत को इस नाम से बुलाया जाने का आदेश दिया था।
Al-Hind एक अरबी नाम है और अरब में कुछ लोग अब भी भारत को इसी नाम से बुलाते है। इस शब्द का कुछ भाग आज भी जय हिन्द (Jia Hind) या हिन्द महासागर (Hind Mahasagar) के तौर पर बोला जाता है।
Tianzhu (तेन्नजहू) – यह नाम पर्सियन भाषा में संस्कृत भाषा से लिए गये शब्द हिन्दू (Hindu) का चीनी रूपान्तरण है। इसे चीनी लोग जियांग जुंक (Xien-t’juk) के नाम से भी पुकारते आ रहे है। अगर आपको इसका प्रमाण चाहिए तो चीनी साहित्य जियू जुआन (Xiyu Zhuan) में इसका उल्लेख मिल जाऐगा। चीनी इतिहासकार Fan Ye ने इस नाम का उल्लेख किया था।
Tenjiku (तेंजिकू)– यह नाम जापानी भाषा में भारत (India) शब्द का चीनी रूपान्तरण है। यह नाम जापान के प्रसिद्ध यात्री व लेखक Tenjiku Tokubei के नाम पर लिया गया है। ये पहले जापानी यात्री थे, जो भारत के बारे में जानने के लिए भारत की यात्रा पर आये थे। Tenjiju का सही अर्थ “Center of Heaven” अर्थात “स्वर्ग के केन्द्र” होता है।
Cheonchuk (च्योंगचुक) – यह भारत का प्राचीन कोरियन नाम है। 8वी और 9वी शताब्दी में कोरियन लोग भारत को इसी नाम से पुकारते थे। कोरिया के बुद्धिष्ट Hyecho जो संस्कृत में Praj Vikram के नाम से जाने जाते है, 8वी शताब्दी में तब के भारत की यात्रा करने आये थे। उन्होने अपनी किताब में Hyecho में भारत को “Cheonchuk-guk” के नाम से सम्बोधित किया था। बाद में यह नाम पूरे कोरिया के अलावा अन्य विश्व में भी बुलाया जाने लगा।
Shendu (सेंधू) – भारत के इस नाम का उल्लेख चीनी इतिहास में मिलता है। इसका उल्लेख चीनी इतिहास की किताब SHIJI में मिलता है, जिसे Sima Quan ने लिखा था। Shendu नाम संस्कृत शब्द सिंधू (Sindhu) से ही लिया गया है। अगर गौर से दोनो शब्दो का उच्चारण सुनेगें, तो दोनो के उच्चारण में समानता मिलेगी। इससे साबित होता है कि यह नाम सिंधू से ही लिया गया जो बाद में चीनी भाषा में बदलकर Shendu कर दिया।
Tiandu (टैंडू) – भारत का यह नाम सबसे पहले Hou Hanshu (Book of the Later Han) जो कि चीनी कोर्ट का दस्तावेज होता है, में पाया जाता है। छठी शताब्दी के Han Dynasty के इतिहास के समय में इस नाम का उल्लेख पाया जाता है। जो कि अब भारत के नाम से जाना जाता है।
Yintejia– इस शब्द का भी पहली बार उल्लेख चीनी हस्तलिपि या इतिहास की किताब Kuchean Indaka में मिलता है। भारत को इस नाम से Kucha Dynasty के समय में पुकारा जाता था। यह नाम भी पर्सियन नाम Hindu का चीनी रूपान्तरण है।
Wutianzhu (वूतेंजू)– आज भी चीन में भारत को इस नाम से जाना जाता है। यह भारत के जापानी नाम Tianzhu से लिया गया है। इस नाम का सही अर्थ है, 5 Indias यानि कि पाँच भारत। क्योकि चीन के लोग भारत को मुख्यत: पाँच भागो मध्य भारत, उत्तर भारत, दक्षिण भारत, पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत (Central India, Northern India, Southern India, Western India & Eastern India) वाले देश के तौर पर मानते आ रहा है।
भारत के सम्बंध में कुछ रोचक जानकारियाँ
यो तो हमारे देश की संस्कृति दुनिया भर में मशहूर है। मगर यहाँ पर कुछ ऐसे भी राज और अनसुनी बाते है, जो आपकी कल्पना से भी परे है। क्या आप उन रोचक तथ्यो के बारे में जानते है? अगर नही , तो मैं आपको उनके बारे में बताता हूँ-
1) भारत की सबसे ऊँच्ची जगह
एक युग था जब भारत पूरी दुनिया में अपनी शौहरत को लिए प्रसिद्ध था। इसलिए इसे गोल्डन बर्ड कहा जाता था। हालाँकि, अब हालत बदल गए हैं और आज हमारा देश दुनिया के सबसे अमीर देशों में नहीं गिना जाता है, लेकिन ऊंचाई में सबसे आगे। यह जगह सियाचिन के अलावा और कुछ नहीं है। जहाँ भारत और पाकिस्तान दोनों अपना अपना अधिकार जमाते है। अपने अधिकारों की घोषणा करते हैं। सियाचिन की ऊँचाई पानी के स्तर से 5700 मीटर है। यह विश्व की सबसे ऊँच्चा लडाई का स्थल है।
2) अग्रेजी बोलने वाले लोग
भारत में ज्यादातर लोग हिन्दी बोलते हैं, लेकिन यहाँ अंग्रेज़ी बोलने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है। अमेरिका के बाद, भारत एकमात्र देश है जिसमें 125 मिलियन लोग अंग्रेज़ी जानते हैं और बोल सकते हैं। यह आंकड़ा बताता है कि दुनिया के 10% अंग्रेजी बोलने वाले भारत में रहते हैं।
3) सोने का देश
भारत को यो ही सोने का देश नहीं कहा जाता है। क्या आप जानते हैं कि भारत की महिलाओं के पास इतना सोना है, कि यह दुनिया के कई बड़े देशों से भी अधिक है? एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि दुनिया के कुल सोने का 11 प्रतिशत भारत की महिलाओं के पास पाया गया है। अगर दुनिया के बड़े देशों अमेरिका, स्विट्जरलैंड, जर्मनी और यहाँ तक कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को भी मिला दे, तो उन सबसे भी अधिक सोना भारत के पास है। भारत में सोना पहनना शुभ माना जाता है।
4) भारत का पहला रॉकेट साइकिल से लॉन्चींग पैड पर
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में पहला रॉकेट प्रक्षेपण केरल के एक छोटे से गाँव थुम्बा में 1963 में हुआ था। यह रॉकेट इतना हल्का कि इसे साइकिल से थुम्बा पहुँचाया गया था। यह भारत का एक सफल रॉकेट प्रक्षेपण था। यह रॉकेट इसरो के अध्यक्ष डॉ. विक्रम साराभाई के आदेशानुसार यह लॉच हुआ था। इस टीम में भारत के पूर्व राष्ट्रपति व मिसाईल मैने के नाम से प्रसिद्ध डॉ. ए.पी.जे. कलाम भी शामील थे।
5) दुनिया की सबसे लंबी बलुआ पत्थर की गुफा
अगर आपको सुनकर हैरानी हुई होगी। लेकिन हाँ दुनिया की सबसे लंबी सैंडस्टोन गुफा मेघालय में अवस्थित है। इसकी लंबाई 24, 000 मीटर है, जो वेनेजुएला की केवा डेला समाह से भी बडी है। आपको यह सुनकर भी हैरानी होगी कि भारत की 10 में से 9 सबसे बड़ी और गहरी गुफाएँ मेघालय में ही पायी जाती है।
6) दुनिया का सबसे बड़ा पेड़
जी हाँ, बिलकुल सही सुना आपने, आंध्र प्रदेश के तिमम्मा मरीमिमानु के गांवों में एक 500 साल पुराना बरगद का पेड़ है, जिसका गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान है। 1100 शाखाओं के साथ यह पेड़ 2.1 हेक्टेयर तक फैला हुआ है। यह दुनिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा पेड़ है, जो 500 से अधिक वर्षों के लिए एक ही जगह पर खड़ा है।
7) सबसे ऊंची रेलफॉल वाली जगह
यह सभी जानते हैं कि भारत में मेघालय में सबसे अधिक वर्षा होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेघालय कहा पर सबसे ज्याद बारिश होती है। यह मौसीनराम स्थान पर सबसे अधिक बारिश होती है? यहाँ इतनी अधिक बारिश होती है कि मजदूर लोग पूरे शरीर को ढकने के लिए रेनकोट पहनते हैं। यहाँ 467 इंच बारिश हर दिन दर्ज की जाती है, जो दुनिया में सबसे ज़्यादा है।
8) मैग्नेटिक हिल्स
लद्दाख घूमना हर भारतीय का एक सपना होता है और आप में से कई लोग लद्दाख भी गए होगें। लेकिन क्या आपने चुंबकीय पहाड़ी के बारे में सुना है? हाँ, यह लद्दाख में एक जगह है, जो आपकी रुकी हुई कार को ऊपर खींच सकती है। मैग्नेटिक हिल अब एक पर्यटन स्थल बन गया है, जहाँ लोगों अब यह महसूस करने आते है कि यहाँ अब चुम्बकिय क्षेत्र में शक्ति कितनी है? यह गुरुत्वाकर्षण के साथ कैसे छेडछाड कर सकती है? यह दुनिया के आश्चर्यजनक अजूबों और अद्भुत जगहो में से एक है।
9) शनि सिगनपुर
कई लोगो ने शनि सिगनापुर के बारे में सुना होगा, क्योंकि यहाँ शनि भगवान का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यहाँ गाँव में किसी भी घर के बाहर कोई दरवाज़ा नहीं है। जी हाँ, यह हैरान करने वाली बात है लेकिन यह सच भी है। यहाँ के लोगों का मानना है कि उनका घर कभी नहीं चोरी नही हो सकती है। अगर किसी ने चोरी की तो उसपर शनि देव श्राप लगेगा। यहाँ तक कि इस गाँव में कोई Police Station नही है।
10) मानव कम्प्यूटर
आप सभी ने शकुंतला देवी का नाम तो सुना ही होगा। वह मानव कैलकुलेटर के रूप में जानी जाती है। क्योंकि वह पहली महिला गणितज्ञ थीं, जिन्होंने लंदन में इंपीरियल कॉलेज में दो 13 अंकों की संख्या का गुणा केवल 28 सेकंड में किया था। शकुंतला देवी को मानव कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है। उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।
मुझे विश्वास है कि आपने मेरा उपरोक्त लेख “इंडिया का फुल फॉर्म क्या है?” अर्थात “India Full Form क्या है?” अवश्य पंसद किया होगा। मेरी कोशिश है कि मैं आप लोगो को हिन्दी भाषा में उचित जानकारी दू। उसी को अपना आधार मानकर “India Full Form क्या है?” विषय पर मैने आपके लिए गहन अध्ययन करके यह लेख लिखा है। मुझे विश्वास है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आपको किसी अन्य लेख को पढ़ने की आवश्यकता नही होगी।
प्रिय पाठको, मैने अपनी और से ध्यान रखा है कि आपको India Full Form in Hindi के सम्बंध में सही सही जानकारी के साथ साथ सम्पूर्ण जानकारी मिले। ताकि किसी अन्य लेख को पढ़े बिना ही आपकी Query पूरी हो जावे। जिससे आपका समय बचे। अगर फिर भी आपका इस पोस्ट के सम्बंध में कोई सवाल है, तो मुझे Comments में लिखे। आपके comments का इंतजार रहेगा।
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